IPL 2025: एमएस धोनी का नाम सुनते ही भड़क गए वीरेंद्र सहवाग, अपने साथी खिलाड़ी को लगाई फटकार
IPL 2025

आईपीएल 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के बीच हुए मुकाबले में एमएस धोनी की एक शानदार स्टंपिंग ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। 43 वर्षीय धोनी ने फिल सॉल्ट को जिस तेजी से स्टंप किया, वह दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हर ओर धोनी की तारीफें हो रही थीं – उनकी फिटनेस, उनकी फुर्ती और विकेट के पीछे का उनका अनुभव फिर से सुर्खियों में था।
लेकिन इस तारीफों के बीच एक आवाज ने सबको चौंका दिया – पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग की।
"कुछ ख़ास नहीं था उसमें" – सहवाग का तंज
क्रिकेट के एक प्री-मैच शो में बैठे सहवाग से जब धोनी की स्टंपिंग के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा:
“इसमें कुछ खास नहीं था। बल्लेबाज़ का पैर पहले से ही बाहर था और उसने वापस क्रीज़ में आने की कोशिश ही नहीं की। धोनी को बस बेल्स गिरानी थीं। हर कोई उसे महान स्टंपिंग कह रहा है, लेकिन ये एक सामान्य स्टंपिंग थी।”
सहवाग यहीं नहीं रुके। उन्होंने शो में मौजूद अपने साथी कमेंटेटर और पूर्व खिलाड़ी पार्थिव पटेल को भी फटकार लगाई, जब पार्थिव ने इस स्टंपिंग को "जादू" बताया। सहवाग ने कहा:
“हर चीज को महान बनाना बंद करो यार। अगर यही स्टंपिंग किसी और विकेटकीपर ने की होती, तो तुम इतना नहीं बोलते। बस नाम धोनी है, तो सबको बड़ा लग रहा है।”
सोशल मीडिया पर मच गया तूफान
वीरू की इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया दो धड़ों में बंट गया। एक ओर जहां धोनी फैंस ने सहवाग की आलोचना करते हुए उन्हें "जलने वाला" कहा, वहीं कुछ यूज़र्स ने सहवाग के रुख को "ईमानदार विश्लेषण" बताया।
कुछ प्रतिक्रियाएं:
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एक यूजर ने लिखा: “धोनी की उम्र में लोग घर पर आराम करते हैं, और ये बंदा IPL में आज भी गेम बदल रहा है। सहवाग को कम से कम इतना सम्मान देना चाहिए।”
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दूसरे ने कहा: “वीरू भैया अपनी राय रखने के हकदार हैं, लेकिन कभी-कभी वो बस ज़रूरत से ज़्यादा कड़वा सच बोल देते हैं।”
सहवाग की आलोचना या सच्चाई?
वीरेंद्र सहवाग हमेशा से अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते रहे हैं। चाहे मैदान हो या माइक्रोफोन, उन्होंने कभी शब्दों से परहेज़ नहीं किया। लेकिन इस बार उनका बयान एक ऐसे खिलाड़ी के खिलाफ गया, जो भारत के सबसे चहेते क्रिकेटर्स में से एक है।
जहाँ धोनी की विकेटकीपिंग को लोग उनकी उम्र और अनुभव के लिहाज़ से "अलौकिक" मानते हैं, वहीं सहवाग की नजर में तकनीकी रूप से यह एक सामान्य स्टंपिंग थी।
निष्कर्ष:
यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि भारतीय क्रिकेट में एमएस धोनी का नाम अब भी कितना भावनात्मक मुद्दा है। सहवाग की बात तकनीकी रूप से चाहे सही हो, लेकिन जिस अंदाज़ में उन्होंने उसे पेश किया, वह विवाद को जन्म दे गया। अब देखना यह होगा कि आने वाले मैचों में धोनी कैसे प्रतिक्रिया देते हैं – मैदान पर बल्ले और दस्तानों से, जैसा वो हमेशा करते आए हैं।
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